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Sura 39
Aya 48
48
وَبَدا لَهُم سَيِّئَاتُ ما كَسَبوا وَحاقَ بِهِم ما كانوا بِهِ يَستَهزِئونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और जो बदकिरदारियाँ उन लोगों ने की थीं (वह सब) उनके सामने खुल जाएँगीं और जिस (अज़ाब) पर यह लोग क़हक़हे लगाते थे वह उन्हें घेरेगा