48وَبَدا لَهُم سَيِّئَاتُ ما كَسَبوا وَحاقَ بِهِم ما كانوا بِهِ يَستَهزِئونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर जो बदकिरदारियाँ उन लोगों ने की थीं (वह सब) उनके सामने खुल जाएँगीं और जिस (अज़ाब) पर यह लोग क़हक़हे लगाते थे वह उन्हें घेरेगा