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Sura 39
Aya 42
42
اللَّهُ يَتَوَفَّى الأَنفُسَ حينَ مَوتِها وَالَّتي لَم تَمُت في مَنامِها ۖ فَيُمسِكُ الَّتي قَضىٰ عَلَيهَا المَوتَ وَيُرسِلُ الأُخرىٰ إِلىٰ أَجَلٍ مُسَمًّى ۚ إِنَّ في ذٰلِكَ لَآياتٍ لِقَومٍ يَتَفَكَّرونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

ख़ुदा ही लोगों के मरने के वक्त उनकी रूहें (अपनी तरफ़) खींच बुलाता है और जो लोग नहीं मरे (उनकी रूहें) उनकी नींद में (खींच ली जाती हैं) बस जिन के बारे में ख़ुदा मौत का हुक्म दे चुका है उनकी रूहों को रोक रखता है और बाक़ी (सोने वालों की रूहों) को फिर एक मुक़र्रर वक्त तक के वास्ते भेज देता है जो लोग (ग़ौर) और फिक्र करते हैं उनके लिए (क़ुदरते ख़ुदा की) यक़ीनी बहुत सी निशानियाँ हैं