41إِنّا أَنزَلنا عَلَيكَ الكِتابَ لِلنّاسِ بِالحَقِّ ۖ فَمَنِ اهتَدىٰ فَلِنَفسِهِ ۖ وَمَن ضَلَّ فَإِنَّما يَضِلُّ عَلَيها ۖ وَما أَنتَ عَلَيهِم بِوَكيلٍफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(ऐ रसूल) हमने तुम्हारे पास (ये) किताब (क़ुरान) सच्चाई के साथ लोगों (की हिदायत) के वास्ते नाज़िल की है, पस जो राह पर आया तो अपने ही (भले के) लिए और जो गुमराह हुआ तो उसकी गुमराही का वबाल भी उसी पर है और फिर तुम कुछ उनके ज़िम्मेदार तो हो नहीं