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Sura 39
Aya 3
3
أَلا لِلَّهِ الدّينُ الخالِصُ ۚ وَالَّذينَ اتَّخَذوا مِن دونِهِ أَولِياءَ ما نَعبُدُهُم إِلّا لِيُقَرِّبونا إِلَى اللَّهِ زُلفىٰ إِنَّ اللَّهَ يَحكُمُ بَينَهُم في ما هُم فيهِ يَختَلِفونَ ۗ إِنَّ اللَّهَ لا يَهدي مَن هُوَ كاذِبٌ كَفّارٌ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

जान रखो कि विशुद्ध धर्म अल्लाह ही के लिए है। रहे वे लोग जिन्होंने उससे हटकर दूसरे समर्थक औऱ संरक्षक बना रखे है (कहते है,) "हम तो उनकी बन्दगी इसी लिए करते है कि वे हमें अल्लाह का सामीप्य प्राप्त करा दें।" निश्चय ही अल्लाह उनके बीच उस बात का फ़ैसला कर देगा जिसमें वे विभेद कर रहे है। अल्लाह उसे मार्ग नहीं दिखाता जो झूठा और बड़ा अकृतज्ञ हो