24أَفَمَن يَتَّقي بِوَجهِهِ سوءَ العَذابِ يَومَ القِيامَةِ ۚ وَقيلَ لِلظّالِمينَ ذوقوا ما كُنتُم تَكسِبونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदअब क्या जो क़ियामत के दिन अपने चहरें को बुरी यातना (से बचने) की ढाल बनाएगा वह (यातना से सुरक्षित लोगों जैसा होगा)? और ज़ालिमों से कहा जाएगा, "चखों मज़ा उस कमाई का, जो तुम करते रहे थे!"