15فَاعبُدوا ما شِئتُم مِن دونِهِ ۗ قُل إِنَّ الخاسِرينَ الَّذينَ خَسِروا أَنفُسَهُم وَأَهليهِم يَومَ القِيامَةِ ۗ أَلا ذٰلِكَ هُوَ الخُسرانُ المُبينُफ़ारूक़ ख़ान & अहमदअब तुम उससे हटकर जिसकी चाहो बन्दगी करो।" कह दो, "वास्तव में घाटे में पड़नेवाले तो वही है, जिन्होंने अपने आपको और अपने लोगों को क़ियामत के दिन घाटे में डाल दिया। जान रखो, यही खुला घाटा है