63أَتَّخَذناهُم سِخرِيًّا أَم زاغَت عَنهُمُ الأَبصارُफ़ारूक़ ख़ान & नदवीक्या हम उनसे (नाहक़) मसखरापन करते थे या उनकी तरफ से (हमारी) ऑंखे पलट गयी हैं