50جَنّاتِ عَدنٍ مُفَتَّحَةً لَهُمُ الأَبوابُफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(यानि) हमेशा रहने के (बेहिश्त के) सदाबहार बाग़ात जिनके दरवाज़े उनके लिए (बराबर) खुले होगें