32فَقالَ إِنّي أَحبَبتُ حُبَّ الخَيرِ عَن ذِكرِ رَبّي حَتّىٰ تَوارَت بِالحِجابِफ़ारूक़ ख़ान & नदवीतो देखने में उलझे के नवाफिल में देर हो गयी जब याद आया तो बोले कि मैंने अपने परवरदिगार की याद पर माल की उलफ़त को तरजीह दी यहाँ तक कि आफ़ताब (मग़रिब के) पर्दे में छुप गया