19وَالطَّيرَ مَحشورَةً ۖ كُلٌّ لَهُ أَوّابٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर परिन्दे भी (यादे खुदा के वक्त सिमट) आते और उनके फरमाबरदार थे