18إِنّا سَخَّرنَا الجِبالَ مَعَهُ يُسَبِّحنَ بِالعَشِيِّ وَالإِشراقِफ़ारूक़ ख़ान & नदवीबेशक वह हमारी बारगाह में बड़े रूजू करने वाले थे हमने पहाड़ों को भी ताबेदार बना दिया था कि उनके साथ सुबह और शाम (खुदा की) तस्बीह करते थे