57وَلَولا نِعمَةُ رَبّي لَكُنتُ مِنَ المُحضَرينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदयदि मेरे रब की अनुकम्पा न होती तो अवश्य ही मैं भी पकड़कर हाज़िर किए गए लोगों में से होता