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Sura 37
Aya 102
102
فَلَمّا بَلَغَ مَعَهُ السَّعيَ قالَ يا بُنَيَّ إِنّي أَرىٰ فِي المَنامِ أَنّي أَذبَحُكَ فَانظُر ماذا تَرىٰ ۚ قالَ يا أَبَتِ افعَل ما تُؤمَرُ ۖ سَتَجِدُني إِن شاءَ اللَّهُ مِنَ الصّابِرينَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

फिर जब वह उसके साथ दौड़-धूप करने की अवस्था को पहुँचा तो उसने कहा, "ऐ मेरे प्रिय बेटे! मैं स्वप्न में देखता हूँ कि तुझे क़ुरबान कर रहा हूँ। तो अब देख, तेरा क्या विचार है?" उसने कहा, "ऐ मेरे बाप! जो कुछ आपको आदेश दिया जा रहा है उसे कर डालिए। अल्लाह ने चाहा तो आप मुझे धैर्यवान पाएँगे।"