68وَمَن نُعَمِّرهُ نُنَكِّسهُ فِي الخَلقِ ۖ أَفَلا يَعقِلونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर हम जिस शख्स को (बहुत) ज्यादा उम्र देते हैं तो उसे ख़िलक़त में उलट (कर बच्चों की तरह मजबूर कर) देते हैं तो क्या वह लोग समझते नहीं