65اليَومَ نَختِمُ عَلىٰ أَفواهِهِم وَتُكَلِّمُنا أَيديهِم وَتَشهَدُ أَرجُلُهُم بِما كانوا يَكسِبونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदआज हम उनके मुँह पर मुहर लगा देंगे और उनके हाथ हमसे बोलेंगे और जो कुछ वे कमाते रहे है, उनके पाँव उसकी गवाही देंगे