55إِنَّ أَصحابَ الجَنَّةِ اليَومَ في شُغُلٍ فاكِهونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीबेहश्त के रहने वाले आज (रोजे क़यामत) एक न एक मशग़ले में जी बहला रहे हैं