53إِن كانَت إِلّا صَيحَةً واحِدَةً فَإِذا هُم جَميعٌ لَدَينا مُحضَرونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदबस एक ज़ोर की चिंघाड़ होगी। फिर क्या देखेंगे कि वे सबके-सब हमारे सामने उपस्थित कर दिए गए