40لَا الشَّمسُ يَنبَغي لَها أَن تُدرِكَ القَمَرَ وَلَا اللَّيلُ سابِقُ النَّهارِ ۚ وَكُلٌّ في فَلَكٍ يَسبَحونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदन सूर्य ही से हो सकता है कि चाँद को जा पकड़े और न रात दिन से आगे बढ़ सकती है। सब एक-एक कक्षा में तैर रहे हैं