39وَالقَمَرَ قَدَّرناهُ مَنازِلَ حَتّىٰ عادَ كَالعُرجونِ القَديمِफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर रहा चन्द्रमा, तो उसकी नियति हमने मंज़िलों के क्रम में रखी, यहाँ तक कि वह फिर खजूर की पूरानी टेढ़ी टहनी के सदृश हो जाता है