33وَآيَةٌ لَهُمُ الأَرضُ المَيتَةُ أَحيَيناها وَأَخرَجنا مِنها حَبًّا فَمِنهُ يَأكُلونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर उनके (समझने) के लिए मेरी कुदरत की एक निशानी मुर्दा (परती) ज़मीन है कि हमने उसको (पानी से) ज़िन्दा कर दिया और हम ही ने उससे दाना निकाला तो उसे ये लोग खाया करते हैं