33وَآيَةٌ لَهُمُ الأَرضُ المَيتَةُ أَحيَيناها وَأَخرَجنا مِنها حَبًّا فَمِنهُ يَأكُلونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर एक निशानी उनके लिए मृत भूमि है। हमने उसे जीवित किया और उससे अनाज निकाला, तो वे खाते है