30يا حَسرَةً عَلَى العِبادِ ۚ ما يَأتيهِم مِن رَسولٍ إِلّا كانوا بِهِ يَستَهزِئونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीहाए अफसोस बन्दों के हाल पर कि कभी उनके पास कोई रसूल नहीं आया मगर उन लोगों ने उसके साथ मसख़रापन ज़रूर किया