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Sura 36
Aya 29
29
إِن كانَت إِلّا صَيحَةً واحِدَةً فَإِذا هُم خامِدونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

वह तो सिर्फ एक चिंघाड थी (जो कर दी गयी बस) फिर तो वह फौरन चिराग़े सहरी की तरह बुझ के रह गए