42فَاليَومَ لا يَملِكُ بَعضُكُم لِبَعضٍ نَفعًا وَلا ضَرًّا وَنَقولُ لِلَّذينَ ظَلَموا ذوقوا عَذابَ النّارِ الَّتي كُنتُم بِها تُكَذِّبونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमद"अतः आज न तो तुम परस्पर एक-दूसरे के लाभ का अधिकार रखते हो और न हानि का।" और हम उन ज़ालिमों से कहेंगे, "अब उस आग की यातना का मज़ा चखो, जिसे तुम झुठलाते रहे हो।"