41قالوا سُبحانَكَ أَنتَ وَلِيُّنا مِن دونِهِم ۖ بَل كانوا يَعبُدونَ الجِنَّ ۖ أَكثَرُهُم بِهِم مُؤمِنونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदवे कहेंगे, "महान है तू, हमारा निकटता का मधुर सम्बन्ध तो तुझी से है, उनसे नहीं; बल्कि बात यह है कि वे जिन्नों को पूजते थे। उनमें से अधिकतर उन्हीं पर ईमान रखते थे।"