30قُل لَكُم ميعادُ يَومٍ لا تَستَأخِرونَ عَنهُ ساعَةً وَلا تَستَقدِمونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(ऐ रसूल) तुम उनसे कह दो कि तुम लोगों के वास्ते एक ख़ास दिन की मीयाद मुक़र्रर है कि न तुम उससे एक घड़ी पीछे रह सकते हो और न आगे ही बड़ सकते हो