49يا أَيُّهَا الَّذينَ آمَنوا إِذا نَكَحتُمُ المُؤمِناتِ ثُمَّ طَلَّقتُموهُنَّ مِن قَبلِ أَن تَمَسّوهُنَّ فَما لَكُم عَلَيهِنَّ مِن عِدَّةٍ تَعتَدّونَها ۖ فَمَتِّعوهُنَّ وَسَرِّحوهُنَّ سَراحًا جَميلًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऐ ईमानवालों जब तुम मोमिना औरतों से (बग़ैर मेहर मुक़र्रर किये) निकाह करो उसके बाद उन्हें अपने हाथ लगाने से पहले ही तलाक़ दे दो तो फिर तुमको उनपर कोई हक़ नहीं कि (उनसे) इद्दा पूरा कराओ उनको तो कुछ (कपड़े रूपये वग़ैरह) देकर उनवाने शाइस्ता से रूख़सत कर दो