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Sura 33
Aya 22
22
وَلَمّا رَأَى المُؤمِنونَ الأَحزابَ قالوا هٰذا ما وَعَدَنَا اللَّهُ وَرَسولُهُ وَصَدَقَ اللَّهُ وَرَسولُهُ ۚ وَما زادَهُم إِلّا إيمانًا وَتَسليمًا

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और जब सच्चे ईमानदारों ने (कुफ्फार के) जमघटों को देखा तो (बेतकल्लुफ़) कहने लगे कि ये वही चीज़ तो है जिसका हम से खुदा ने और उसके रसूल ने वायदा किया था (इसकी परवाह क्या है) और खुदा ने और उसके रसूल ने बिल्कुल ठीक कहा था और (इसके देखने से) उनका ईमानदार और उनकी इताअत और भी ज़िन्दा हो गयी