21لَقَد كانَ لَكُم في رَسولِ اللَّهِ أُسوَةٌ حَسَنَةٌ لِمَن كانَ يَرجُو اللَّهَ وَاليَومَ الآخِرَ وَذَكَرَ اللَّهَ كَثيرًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(मुसलमानों) तुम्हारे वास्ते तो खुद रसूल अल्लाह का (ख़न्दक़ में बैठना) एक अच्छा नमूना था (मगर हाँ यह) उस शख्स के वास्ते है जो खुदा और रोजे आखेरत की उम्मीद रखता हो और खुदा की याद बाकसरत करता हो