16تَتَجافىٰ جُنوبُهُم عَنِ المَضاجِعِ يَدعونَ رَبَّهُم خَوفًا وَطَمَعًا وَمِمّا رَزَقناهُم يُنفِقونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदउनके पहलू बिस्तरों से अलग रहते है कि वे अपने रब को भय और लालसा के साथ पुकारते है, और जो कुछ हमने उन्हें दिया है उसमें से ख़र्च करते है