18وَلا تُصَعِّر خَدَّكَ لِلنّاسِ وَلا تَمشِ فِي الأَرضِ مَرَحًا ۖ إِنَّ اللَّهَ لا يُحِبُّ كُلَّ مُختالٍ فَخورٍफ़ारूक़ ख़ान & अहमद"और लोगों से अपना रूख़ न फेर और न धरती में इतराकर चल। निश्चय ही अल्लाह किसी अहंकारी, डींग मारनेवाले को पसन्द नहीं करता