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Sura 30
Aya 8
8
أَوَلَم يَتَفَكَّروا في أَنفُسِهِم ۗ ما خَلَقَ اللَّهُ السَّماواتِ وَالأَرضَ وَما بَينَهُما إِلّا بِالحَقِّ وَأَجَلٍ مُسَمًّى ۗ وَإِنَّ كَثيرًا مِنَ النّاسِ بِلِقاءِ رَبِّهِم لَكافِرونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

क्या उन लोगों ने अपने दिल में (इतना भी) ग़ौर नहीं किया कि ख़ुदा ने सारे आसमान और ज़मीन को और जो चीजे उन दोनों के दरमेयान में हैं बस बिल्कुल ठीक और एक मुक़र्रर मियाद के वास्ते पैदा किया है और कुछ शक नहीं कि बहुतेरे लोग तो अपने परवरदिगार की (बारगाह) के हुज़ूर में (क़यामत) ही को किसी तरह नहीं मानते