57فَيَومَئِذٍ لا يَنفَعُ الَّذينَ ظَلَموا مَعذِرَتُهُم وَلا هُم يُستَعتَبونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदअतः उस दिन ज़ुल्म करनेवालों को उनका कोई उज़्र (सफाई पेश करना) काम न आएगा और न उनसे यह चाहा जाएगा कि वे किसी यत्न से (अल्लाह के) प्रकोप को टाल सकें