44مَن كَفَرَ فَعَلَيهِ كُفرُهُ ۖ وَمَن عَمِلَ صالِحًا فَلِأَنفُسِهِم يَمهَدونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजिस किसी ने इनकार किया तो उसका इनकार उसी के लिए घातक सिद्ध होगा, और जिन लोगों ने अच्छा कर्म किया वे अपने ही लिए आराम का साधन जुटा रहे है