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Sura 30
Aya 40
40
اللَّهُ الَّذي خَلَقَكُم ثُمَّ رَزَقَكُم ثُمَّ يُميتُكُم ثُمَّ يُحييكُم ۖ هَل مِن شُرَكائِكُم مَن يَفعَلُ مِن ذٰلِكُم مِن شَيءٍ ۚ سُبحانَهُ وَتَعالىٰ عَمّا يُشرِكونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

ख़ुदा वह (क़ादिर तवाना है) जिसने तुमको पैदा किया फिर उसी ने रोज़ी दी फिर वही तुमको मार डालेगा फिर वही तुमको (दोबारा) ज़िन्दा करेगा भला तुम्हारे (बनाए हुए ख़ुदा के) शरीकों में से कोई भी ऐसा है जो इन कामों में से कुछ भी कर सके जिसे ये लोग (उसका) शरीक बनाते हैं