44ذٰلِكَ مِن أَنباءِ الغَيبِ نوحيهِ إِلَيكَ ۚ وَما كُنتَ لَدَيهِم إِذ يُلقونَ أَقلامَهُم أَيُّهُم يَكفُلُ مَريَمَ وَما كُنتَ لَدَيهِم إِذ يَختَصِمونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदयह परोक्ष की सूचनाओं में से है, जिसकी वह्य हम तुम्हारी ओर कर रहे है। तुम तो उस समय उनके पास नहीं थे, जब वे अपनी क़लमों को फेंक रहे थ कि उनमें कौन मरयम का संरक्षक बने और न उनके समय थे, जब वे आपस में झगड़ रहे थे