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Sura 3
Aya 44
44
ذٰلِكَ مِن أَنباءِ الغَيبِ نوحيهِ إِلَيكَ ۚ وَما كُنتَ لَدَيهِم إِذ يُلقونَ أَقلامَهُم أَيُّهُم يَكفُلُ مَريَمَ وَما كُنتَ لَدَيهِم إِذ يَختَصِمونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

यह परोक्ष की सूचनाओं में से है, जिसकी वह्य हम तुम्हारी ओर कर रहे है। तुम तो उस समय उनके पास नहीं थे, जब वे अपनी क़लमों को फेंक रहे थ कि उनमें कौन मरयम का संरक्षक बने और न उनके समय थे, जब वे आपस में झगड़ रहे थे