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Sura 3
Aya 43
43
يا مَريَمُ اقنُتي لِرَبِّكِ وَاسجُدي وَاركَعي مَعَ الرّاكِعينَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

"ऐ मरयम! पूरी निष्ठा के साथ अपने रब की आज्ञा का पालन करती रह, और सजदा कर और झुकनेवालों के साथ तू भी झूकती रह।"