43يا مَريَمُ اقنُتي لِرَبِّكِ وَاسجُدي وَاركَعي مَعَ الرّاكِعينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमद"ऐ मरयम! पूरी निष्ठा के साथ अपने रब की आज्ञा का पालन करती रह, और सजदा कर और झुकनेवालों के साथ तू भी झूकती रह।"