32قُل أَطيعُوا اللَّهَ وَالرَّسولَ ۖ فَإِن تَوَلَّوا فَإِنَّ اللَّهَ لا يُحِبُّ الكافِرينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकह दो, "अल्लाह और रसूल का आज्ञापालन करो।" फिर यदि वे मुँह मोड़े तो अल्लाह भी इनकार करनेवालों से प्रेम नहीं करता