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Sura 3
Aya 30
30
يَومَ تَجِدُ كُلُّ نَفسٍ ما عَمِلَت مِن خَيرٍ مُحضَرًا وَما عَمِلَت مِن سوءٍ تَوَدُّ لَو أَنَّ بَينَها وَبَينَهُ أَمَدًا بَعيدًا ۗ وَيُحَذِّرُكُمُ اللَّهُ نَفسَهُ ۗ وَاللَّهُ رَءوفٌ بِالعِبادِ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

(और उस दिन को याद रखो) जिस दिन हर शख्स जो कुछ उसने (दुनिया में) नेकी की है और जो कुछ बुराई की है उसको मौजूद पाएगा (और) आरज़ू करेगा कि काश उस की बदी और उसके दरमियान में ज़मानए दराज़ (हाएल) हो जाता और ख़ुदा तुमको अपने ही से डराता है और ख़ुदा अपने बन्दों पर बड़ा शफ़ीक़ और (मेहरबान भी) है