30يَومَ تَجِدُ كُلُّ نَفسٍ ما عَمِلَت مِن خَيرٍ مُحضَرًا وَما عَمِلَت مِن سوءٍ تَوَدُّ لَو أَنَّ بَينَها وَبَينَهُ أَمَدًا بَعيدًا ۗ وَيُحَذِّرُكُمُ اللَّهُ نَفسَهُ ۗ وَاللَّهُ رَءوفٌ بِالعِبادِफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजिस दिन प्रत्येक व्यक्ति अपनी की हुई भलाई और अपनी की हुई बुराई को सामने मौजूद पाएगा, वह कामना करेगा कि काश! उसके और उस दिन के बीच बहुत दूर का फ़ासला होता। और अल्लाह तुम्हें अपना भय दिलाता है, और वह अपने बन्दों के लिए अत्यन्त करुणामय है