192رَبَّنا إِنَّكَ مَن تُدخِلِ النّارَ فَقَد أَخزَيتَهُ ۖ وَما لِلظّالِمينَ مِن أَنصارٍफ़ारूक़ ख़ान & अहमद"हमारे रब, तूने जिसे आग में डाला, उसे रुसवा कर दिया। और ऐसे ज़ालिमों का कोई सहायक न होगा