188لا تَحسَبَنَّ الَّذينَ يَفرَحونَ بِما أَتَوا وَيُحِبّونَ أَن يُحمَدوا بِما لَم يَفعَلوا فَلا تَحسَبَنَّهُم بِمَفازَةٍ مِنَ العَذابِ ۖ وَلَهُم عَذابٌ أَليمٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदतुम उन्हें कदापि यह न समझना, जो अपने किए पर ख़ुश हो रहे है और जो काम उन्होंने नहीं किए, चाहते है कि उनपर भी उनकी प्रशंसा की जाए - तो तुम उन्हें यह न समझाना कि वे यातना से बच जाएँगे, उनके लिए तो दुखद यातना है