187وَإِذ أَخَذَ اللَّهُ ميثاقَ الَّذينَ أوتُوا الكِتابَ لَتُبَيِّنُنَّهُ لِلنّاسِ وَلا تَكتُمونَهُ فَنَبَذوهُ وَراءَ ظُهورِهِم وَاشتَرَوا بِهِ ثَمَنًا قَليلًا ۖ فَبِئسَ ما يَشتَرونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदयाद करो जब अल्लाह ने उन लोगों से, जिन्हें किताब प्रदान की गई थी, वचन लिया था कि "उसे लोगों के सामने भली-भाँति स्पट् करोगे, उसे छिपाओगे नहीं।" किन्तु उन्होंने उसे पीठ पीछे डाल दिया और तुच्छ मूल्य पर उसका सौदा किया। कितना बुरा सौदा है जो ये कर रहे है