185كُلُّ نَفسٍ ذائِقَةُ المَوتِ ۗ وَإِنَّما تُوَفَّونَ أُجورَكُم يَومَ القِيامَةِ ۖ فَمَن زُحزِحَ عَنِ النّارِ وَأُدخِلَ الجَنَّةَ فَقَد فازَ ۗ وَمَا الحَياةُ الدُّنيا إِلّا مَتاعُ الغُرورِफ़ारूक़ ख़ान & अहमदप्रत्येक जीव मृत्यु का मज़ा चखनेवाला है, और तुम्हें तो क़ियामत के दिन पूरा-पूरा बदला दे दिया जाएगा। अतः जिसे आग (जहन्नम) से हटाकर जन्नत में दाख़िल कर दिया गया, वह सफल रहा। रहा सांसारिक जीवन, तो वह माया-सामग्री के सिवा कुछ भी नहीं