135وَالَّذينَ إِذا فَعَلوا فاحِشَةً أَو ظَلَموا أَنفُسَهُم ذَكَرُوا اللَّهَ فَاستَغفَروا لِذُنوبِهِم وَمَن يَغفِرُ الذُّنوبَ إِلَّا اللَّهُ وَلَم يُصِرّوا عَلىٰ ما فَعَلوا وَهُم يَعلَمونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर लोग इत्तिफ़ाक़ से कोई बदकारी कर बैठते हैं या आप अपने ऊपर जुल्म करते हैं तो ख़ुदा को याद करते हैं और अपने गुनाहों की माफ़ी मॉगते हैं और ख़ुदा के सिवा गुनाहों का बख्शने वाला और कौन है और जो (क़ूसूर) वह (नागहानी) कर बैठे तो जानबूझ कर उसपर हट नहीं करते