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Sura 3
Aya 129
129
وَلِلَّهِ ما فِي السَّماواتِ وَما فِي الأَرضِ ۚ يَغفِرُ لِمَن يَشاءُ وَيُعَذِّبُ مَن يَشاءُ ۚ وَاللَّهُ غَفورٌ رَحيمٌ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

आकाशों और धरती में जो कुछ भी है, अल्लाह ही का है। वह जिसे चाहे क्षमा कर दे और जिसे चाहे यातना दे। और अल्लाह अत्यन्त क्षमाशील, दयावान है