129وَلِلَّهِ ما فِي السَّماواتِ وَما فِي الأَرضِ ۚ يَغفِرُ لِمَن يَشاءُ وَيُعَذِّبُ مَن يَشاءُ ۚ وَاللَّهُ غَفورٌ رَحيمٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदआकाशों और धरती में जो कुछ भी है, अल्लाह ही का है। वह जिसे चाहे क्षमा कर दे और जिसे चाहे यातना दे। और अल्लाह अत्यन्त क्षमाशील, दयावान है