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Sura 3
Aya 127
127
لِيَقطَعَ طَرَفًا مِنَ الَّذينَ كَفَروا أَو يَكبِتَهُم فَيَنقَلِبوا خائِبينَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

(और यह मदद की भी तो) इसलिए कि काफ़िरों के एक गिरोह को कम कर दे या ऐसा चौपट कर दे कि (अपना सा) मुंह लेकर नामुराद अपने घर वापस चले जायें