127لِيَقطَعَ طَرَفًا مِنَ الَّذينَ كَفَروا أَو يَكبِتَهُم فَيَنقَلِبوا خائِبينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदताकि इनकार करनेवालों के एक हिस्से को काट डाले या उन्हें बुरी पराजित और अपमानित कर दे कि वे असफल होकर लौटें