113۞ لَيسوا سَواءً ۗ مِن أَهلِ الكِتابِ أُمَّةٌ قائِمَةٌ يَتلونَ آياتِ اللَّهِ آناءَ اللَّيلِ وَهُم يَسجُدونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर ये लोग भी सबके सब यकसॉ नहीं हैं (बल्कि) अहले किताब से कुछ लोग तो ऐसे हैं कि (ख़ुदा के दीन पर) इस तरह साबित क़दम हैं कि रातों को ख़ुदा की आयतें पढ़ा करते हैं और वह बराबर सजदे किया करते हैं