83تِلكَ الدّارُ الآخِرَةُ نَجعَلُها لِلَّذينَ لا يُريدونَ عُلُوًّا فِي الأَرضِ وَلا فَسادًا ۚ وَالعاقِبَةُ لِلمُتَّقينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीये आख़िरत का घर तो हम उन्हीं लोगों के लिए ख़ास कर देगें जो रुए ज़मीन पर न सरकशी करना चाहते हैं और न फसाद-और (सच भी यूँ ही है कि) फिर अन्जाम तो परहेज़गारों ही का है